एक किस्सा यह भी मैंने आजमाया है
रिश्ते की डोर को कच्चा पाया है
जिसे शक था मुझ पर अबतक
उन सब ने भी मुझे सच्चा पाया है।।

Hindi Shayri by Arjuna Bunty : 111681334

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