कलम चलती है तो
दिल की आवाज लिखता हूं,
गम और जुदाई के
अंदाज-ए-बयां लिखता हूं,
रुकते नहीं है
मेरी आंखों से आंसू,
मैं अब भी
उसकी यादों में
अल्फाज लिखता हूं...

प्रद्युम्न

Hindi Tribute by Pradhyum : 111671986

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