सहाब, समाज के कुछ कड़वी बातों से सामना हुआ । होश ही उड गए । हमारे महाराष्ट्र में कुछ ऐसे केसेस सामने आए, जिसको समझने कै बाद परेशानी में और इजाफा हुआ ।

कहीँ दरिंदगी(बलात्कार) की घटना सामने आए तब पुरा समाज हर सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर चीखता रहता है और ज्यादातर दुसरे समुदाय के लोग खामौश होते है । तब लगने लगता है के पुरा समुदाय ही खतरे में है ।

लेकिन जब पीड़ित और आरोपी एक ही समुदाय से आते है तब पुरा समुदाय खामौश रहता है । शायद यह फ़िक्र तब अचानक से गायब हो जाती होगी ? शायद कोई जादु कर देता होगा ? आक्रोशीत होने वाला समाज ...

Hindi Questions by sk hajee : 111668151

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