मैं कहां हुं बस,   यही सोचता हुं,
तुही तुही दिल ए यार ,सोचता हुं।।

तोड़कर दार ओ दिवार , दुनिया,
महकती खुशबू पार , सोचता हुं।।

चाहत की राह ,अजीब ओ गरीब,
मस्त मौला अंदाज, यार सोचता हुं ।।

हाल ए दिल , शबनमी फूलों पर,
मैं , भीगी भीगी,  बहार सोचता हुं।।

आनंद रंज ओ अलम, कहीं नहीं,
दिल ए नूर मैं, आरपार,सोचता हुं ।।



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-મોહનભાઈ આનંદ

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111667331

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