सुनो प्रेम की पराकाष्ठा तक
मुझे प्रेम करने वाले
मेरे जाने के बाद भी याद रखना
कुछ नहीं बदलेगा
मृत्यु और कुछ नहीं
बस एक अगला पड़ाव है
जैसे मैं केवल अगले दूसरे कपड़ों में हूँ
मैं मैं रहूंगी और तुम तुम रहोगे
हमारे बीच कुछ ना बदलेगा
हम एक दूसरे के लिए जो भी थे,
हम वही रहेंगे

सुनो! जब भी मेरी याद आए
मुझे दिल से पुकारना
आसान है ये इतना मुश्किल नहीं
हमेशा की तरह जैसा तुम करते हो
अपने स्वर में कोई अंतर न रखना
संताप या दुःख की
कोई मजबूरी ना पहनना
तुम हँसना..
क्योंकि हम हमेशा हंसते थे
छोटे छोटे चुटकुलों पर
जैसे पेट में बल पड़ने तक
मैं भी कहीं हँसती रहूंगी
बस यही विचार करना
हाँ अपने लिए
मेरे लिए हँसते करना


सुनो! जीवन का मतलब वही रहेगा
जो अब है.. जो कभी था
हाँ यह वही है जो हमेशा से था
संसार में निरंतरता रहेगी
मेरी मृत्यु के बाद
तुम्हारी मृत्यु के बाद...
और मेरे जाने के बाद
मुझे क्यों तुम्हारे मन से
दूर होना चाहिए?
क्योंकि सिर्फ मैं नजरों से दूर हूं!
मैं वहाँ तुम्हारा इंतजार करूँगी
क्योंकि सबकी नियति वही है
मैं भी वहीं रहूंगी, हाँ यहीं रहूंगी
कहीं बहुत नजदीक
बस उसी किनारे के आसपास
बस तुम्हारे आसपास
हाँ सब ठीक तो है
सब ठीक ही होगा
ठीक वैसे ही जैसे
जीवन से पहले था
जीवन के बाद रहेगा
क्योंकि मृत्यु अकाट्य सत्य है
ठीक हमारे प्रेम की तरह।

-सुषमा तिवारी

Hindi Poem by Sushma Tiwari : 111665494
shekhar kharadi Idriya 3 years ago

अति सुन्दर प्रस्तुति

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