#बाकी_सब_बढीया_छे ?

पेट्रोल-डीजल, गैस, एजुकेशन और आम लोगों से जुड़ी हुई चीजें महंगी हो जाए लेकिन वोट तो मोदीजी को ही दिया जाएगा । अब आप को ऐसे मुद्दों को लेकर जनता में विरोध नही देखने को मिलेगा । लोगों ने इन सब मुद्दों को लेकर बीजेपी- नरेन्द्र मोदी को वोट नही दिया था । बहुसंख्यक समुदाय के अधिक लोग कट्टर-धर्मी बन चुके है । और यह हकीकत है, इसे कोई झुटला नही सकता । बहुसंख्यक समुदाय के बाकी बचे लोगों को कुछ लेना-देना नही है । उन्हें भी अंदर से एक अदभुत सुकून का लाभ मिल रहा है । बाकी अल्पसंख्यकों को ही इसकी ज्यादा पड़ी है ।

बस आज हमे पेट्रोल-डीजल दिख रहा है, और कुछ मुर्ख कह भी रहे है - हमे कुछ फर्क ही नहीं पड़ता चाहे कीमतें कितनी भी क्यों न बढ़ जाए । लेकिन आगे चलकर सबसे ज्यादा तकलीफें और रोने वाले यही लोग होंगे । सबसे ज्यादा असर/नुकसान इन्हीं लोगों का होगा ।

जिस विचार को भारत ने दशकों पिछे फेक दिया, उसे फिर से जनमानस में रूझाने का काम हो रहा है । व्यवस्था ऐसे है के, अच्छे खासे (पढ़े-लिखे) लोग भी गुमराही के जाल में फस चुके है ।

अल्पसंख्यक समुदाय के एक छोटे से समाज का भय दिखाकर बार-बार लोगों को मुर्ख बनाया जा रहा है । कहते है के - धर्म की रक्षा होगी ...

हम कहते है : "धर्म की रक्षा करने वाले पहले, अपनी सुरक्षा हटा कर घुमना-फिरना चालु कर दे" चाहे ऐसे लोग किसी भी मजहब के मानने वाले हो ! जिस भगवान् ने पृथ्वी बनाई, इन्सानो को बनाया, उन्हें अपने से जोडने के लिए #धर्म का रास्ता दिया अब यही गिने-चुने लोग उस धर्म को बचाने निकले है ।

अगर धर्म किसी के साज़िशों से खत्म हो सकता है ? अगर हो सकता है तो भगवान्, ईश्वर, खुदा भी यही चाहता होगा ? अब उसके सामने किस की चलती है ? वह जैसा चाहे वैसा ही होगा, यही अंतिम सत्य छे ।

22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता से जो लोग डर रहे है, दंगे मे मदत करने वाले वकील से, दिल्ली में जमा हुए शाहीन बाग के लोंगो से और उसी दिल्ली में जमा हुए उनके हिसाब से मुट्ठी भर किसानों से जो लोग डर रहे है, अब ऐसे डरपोक लोग हमारे महान मज़हब की रक्षा कर सकेंगे ?

मै नकारात्मक बाते नही कर रहा, ना ही डराना मकसद है । बस मकसद यह है हम खुद के साथ ही अपनी नस्लों को बरबादी की राह पर ढकेल रहे है । हमे मालुम है के ऐसे "अंधेरे के बाद उजाला-सवेरा होगा" लेकिन ऐसा ही चलता रहा तो हम लोग तो वह सवेरा देख नही पाएंगे ।

कल को शिक्षा नही मिलेगी । महिलाओं की आजादी नही बेचेगी । कुछ करने-बोलने-सुनने-चलने-फिरने की आजादी खत्म हो जाएगी । इन्सान के शक्ल में सब रोबोट मै शुमार होंगे । और कुछ गिने-चुने लोग सब पर राज करेंगे ।



- यसके हाजी

Hindi Blog by sk hajee : 111664817
JIRARA 3 years ago

The narrative exposes the ugly side of our humanity, and we hope some brighter times might come. It is largely true that any religion in the hands of powerful people, all over the world, is misused. Any religion is for the good of the practioners, and for the freedom of one's thought, be it for the country's progress, Nation building, and/or the happiness of one and all.

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