पतझड़ की पहली बारिश में,
मिट्टी की सोंधी खुशबू सा इश्क..
सर्दी के मौसम में,
वो गुनगुनी धूप सा इश्क़..
मदहोश कर जाए,
वो छलकता जाम सा इश्क़..
बेमतलब, बेपरवाह, बेअंजाम सा इश्क़..
सुकून दे जाए, वो बेनाम सा इश्क..
हर पल धड़कता जाए,
मेरी सांसो में बहता तेरा इश्क़..

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111652651

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