वक्त वक्त की ही तो बात है।
बारीश की ये बुंदे कभी लगे की फुलों की बरसात है ,
तो कभी लगे की जलते अंगोरों की बौछार ।
दिल के दो अजीब हालतों का भी क्या अलग अंदाज है।।

-Pradnya Narkhede

Hindi Shayri by Pradnya Narkhede : 111651019

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