My Wonderful Poem...!!!
यारों बनती बात बनते बनते बनती हैं
कोई रेड कार्पेट तो बिछाएँ नही रहता
रास्ते अपने हमें ही बनाने पड़ते हैं
कोई रास्ते हमें बनाके कभी नही देता
कठोर परिश्रम संघर्ष ठोकरें आते हैं
सबकी राहों में फ़ल एसे ही न मिलता
हर ठोकर एक नया सबक़ भी देती हैं
ठोकरों का आदि कभी राह में न रुकता
जीवनरेखा कितनी भी लंबी-छोटी हो
पाकट मिट्टीके ढाँचेंको फ़र्क़ नही पड़ता
दर्द ख़ुद दवा बन शिक्षा अता करता हैं
दर्द को राह का पड़ाव मान जीना पड़ता
बहते ऑसु भी मन के बोझ को धोते हैं
स्पंदन ऑसुओके भी हस के पीना पड़ता
प्रभुजी भी परखते फिर अता करते हैं
सस्ती नहीं हैं सफलता दाग सहना पड़ता
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