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किसी ने वहां...।।
रास्ते पे भटकता हुआ इश्क देखा...।।
नाम पता पूछा...तो....बोला...।।
मै अपनी रुह का पता ढूंढ़ रहा हूं ...।।
मेरा नाम पागल इश्क है....।।
मै पलकों की गलियों मे घुमता हूं...।।
तो...लोग मुझे आवारा समझते है...।।
मेरा घर.......... सच्चे दिल है...।।
धडकनेे ही...मेरी महेफिल है...।।
✒ © 💜 ishQ 💜
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