तेरे बिना कैसे मेरी गुजरेंगी ये रातें,
तन्हाई का ग़म केसे सहेगी ये रातें,
बहुत लम्बी है ये घड़ीयाँ इंतज़ार कि,
करबट बदल-बदल कर काँटगी ये रातें ।
ऐ-हुस्न-की-राजकुमारी 😭

Hindi Shayri by ए- हुस्न - की - राजकुमारी : 111649106

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