महका उठे जो बाग को को वह खुशबू कहां से बटोरे,
चहक उठे जो चाहत में वह गूंज कहां से लाए,
रौनक करे जो महफ़िल को, वह चमक कहां से ढूंढे,
और फिर से जो हंसा जाए वह दोबारा अपना बचपन कहां से ढूंढे।।।।

-Rina Bedia

Hindi Good Evening by Rina Bedia : 111648962

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