चाहत ही राहत है ,पेशगी हाल ए दिल की,
कुर्बान दिल नूरानी, निगाहें तर-बतर देगा;

आनंद रूठी कहां है , मयखाने की सुराही,
हकीकी हुश्न का जाम,याराना भर भर देगा;

-મોહનભાઈ આનંદ

Hindi Poem by મોહનભાઈ આનંદ : 111645870

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