कहानियाँ, अल्फ़ाज़
और
जिंदगी कुछ बिखरे पड़े हैं यहाँ जैसे किसी ने बीच बाज़ार में बेसहारा छोड़ दिया हो

-....कबीरा....

Hindi Blog by कबीर : 111642779

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