पावन सी एक दुआ
तेरे हक में
कच्चे सूत की
पक्के रँग वाली बाँध दी है
उम्मीद की गठानें मारकर!
..
जब भी गूँजेंगे
मंदिर में घण्टियों के स्वर
ईश्वर को इन
मन्नतों का स्मरण
जरूर होगा
विश्वास की डोर
नेह से बंधी
डोलती रहती है आगे-पीछे
पवित्र स्पर्श से !!
....©...

Hindi Poem by Seema singhal sada : 111634345
shekhar kharadi Idriya 3 years ago

अति सुंदर

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