जिंदगी में हम अकेले आए, दोस्तो के बीच भी खुद को अकेले ही पाए, गाँव के सफर में भी अकेले रह गए और आज नाम होने के बावजूद भी हम रिश्तों में भी अकेले ही बह गए।

मेरी जिंदगी का सफर "अकेलापन"

-लक्ष्मी सवाई

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