जिन्दगी निकल जाती है ढूंढने में कि… ढूंढना क्या है? अंत में… तलाश सिमट जाती है इस सुकून में कि.. जो मिला, वो भी कहां साथ लेकर जाना है!!

Hindi Shayri by Ronak Kamdar : 111618051

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