कई हफतो से हमारी बात नही हुई।कोई झगड़ा नहीं हुआ है हमारे बीच नाही कोई नाराज़गी है।बस अब ये एक तरफा रिश्ता निभाते निभाते हुए मेने खुद को खो दिया था सायद, पता नही क्या हो गया था उस दिन मेने उसकी सारी फ़ोटो को अपने फोन से निकाल दिया , ओर उसकी यादों को भी सायद , उसका नंबर आज भी है मेरे फोन मे लेकिन नाम बदल गया है। लेकिन आज भी जब भी फोन की घंटी बजती है तो मन में कही उसका खयाल आ ही जाता है, जब भी मोहल्ले मे कोई जोर जोर से गारी का होन बजता है तब डोरकर मे दरवाजे तक पहुंच ही जाती हु, लेकिन ये एक तरफा रिश्ता मे अब नही निभा पाऊँगी खुदको कब तक जुथा दिलासा देती रहूंगी, जो मेरा था ही नही कभी अब वो मेरा केसे होगा ।बेमतलब का ये एक तरफा रिश्ता अब कब तक एसे ही चलता रहेगा।

-સુહાની

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