मिलती है हमें खुद के गुनाहो की सजा
ए जिंदगी!खामखा हम तुजसे रहते है खफा।
तुमने ले ली अपनी मजा
बनते है सपने इस बेबसी की वजा ।।

पद्माक्षी(प्रांजल)

Hindi Poem by Padmaxi : 111608885

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