#चाँद मेरे साथ चल
चाँद मेरे साथ चल
निगाहें किसी को ढूँढ रही
अंधेरा इतना
नजर कुछ आता नही
तेरी रोशनी में
शायद मेरी दिक्कतें कम हो जायें
एक बार गुम क्या हुआ
आँखें तरस गई देखने को
दीदार उसका करने को

-Vaishnav

Hindi Poem by Vaishnav : 111608441

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