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बहुत आसन है शब्दो के ,
उलटफेर से रोचकता लाना |
मगर! मुश्किल है सीधे शब्दों से,
लोगों का विश्वास पाना |

बहुत आसन है ख्वाबों का
महल सजा , खुशी का ,
आईना दिखाकर ,
झूठे आसमान पर किसी को चढ़ाना |

मगर! मुश्किल है किसी को किसी की,
पीड़ा मे डुबोकर , वास्तविकता से
अवगत कराना |

बहुत आसान है स्वंय को ,
रंगीन चादर से ढक लेना |

किन्तु मुश्किल है स्वयं मे
पारदर्शिता लाना | मेरी कलम से ....

Hindi Poem by Ruchi Dixit : 111597886

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