दर्द-ए- शायरी ब्रह्मदत =2
आप से दूर जाने का इरादा ना था, सदा साथ रहने का वादा ना था, आप याद
नहीं करोगे ये जानते थे हम, पर इतने जल्दी भूल जाओगे ये अंदाजा ना था...
आप से दूर जाने का इरादा ना था, सदा साथ रहने का वादा ना था, आप याद
नहीं करोगे ये जानते थे हम, पर इतने जल्दी भूल जाओगे ये अंदाजा ना था...
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
दर्द-ए-शायरी ब्रह्मदत्त -आप मे दूर जाने का इरादा ना था, सदा साथ रहने
का वादा ना था, आप याद नही करोगे ये जानते थे हम, पर इतने जल्दी
भूल जाओगे ये अंदाजा ना था...
गर्दिशों में अक्सर बेवफाई कर जाते है लोग, अपनों को यूं ही भूल जाते
है लोग, वक्त की जरुरत में अक्सर देखा है गिड़गिड़ाते हुए गैरों को
भी अपना बनाते हुए, मजबूरियों के हालात में इंसान कितना मजबूर है,
आश्वासन देता है अपनों को झूठ और फेरेब मे समझाते हुए.... ब्रह्मदत्त
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़

Hindi Shayri by ब्रह्मदत्त त्यागी : 111592178

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