#दोस्ती हमारी

दोस्ती हमारी यूँ ही नही चर्चित थी
मस्ती थी पागलपन था
पलों को जी लेने का हर वों जज्बा था
जिसमें साथ हम हँसते गये रोते गये
जीवन को जीते गये
आज भी ढूँढता हूँ उन पलों को
जों रेत की तरह हाथों से फिसल गये

-Vaishnav

Hindi Poem by Vaishnav : 111589967

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