बाबुल के बागों की नन्ही कलियाँ बेटियाँ
माँ के घरौंदे की चुलबुली चिड़ियां बेटियाँ

भईया का मान बेटियाँ
मायके की शान बेटियाँ

ससुराल की लाज बेटियाँ
दो परिवारों का स्वाभिमान बेटियाँ

कभी चंचल कभी गंभीर
कभी हंसतीं छुपा नैनों का नीर

खुद से पहले सोचें सबकी
कभी पत्नी कभी माँ
कभी बहू तो कभी बहन का
किरदार बाखूबी निभाती बेटियाँ

न मकान न दुकान न जायदाद
न पैतृक सम्पत्ति का
लोभ दिखाती बेटियाँ

ये तो बस चाहें थोड़ी सी ममता
थोड़ा सा प्यार और इनके हिस्से का सम्मान
इससे अधिक कुछ न मनायें बेटियाँ

बेटा बेटी के फ़ेर में पड़कर
न गंवाओ बेटियाँ

देवी समान पवित्र ये बेटियाँ
भक्षक बन मत रौंदो इनको
बनकर रक्षक बचाओ बेटियाँ

नसीबों से नसीब होती हैं बेटियाँ
बेटियाँ ये बेटियाँ...
आप सभी को बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏💐🙏


निशा शर्मा...

Hindi Poem by निशा शर्मा : 111579503

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