झमक झमक,पुलक पुलक,
बूंदे बरस,किलक किलक।
पवन पवन, उड़त कुदत,
नदी ,झील ,घाटी पर्वत।
लता,पुष्प,हिलत खिलत,
हरी हरी ,धरती जगत।
घटा घटा,चमक चमक ,
जगा रही खनक खनक।
सावन भाद्र ,गगन मगन,
सरस उलस ,चमन चमन।
खुशी खुशी,चहक चहक,
प्रेम रस,छलक छलक।
रात रात,सिहर सिहर,
उलट पुलट कटे पहर।
प्रीत प्रीत, महक महक,
बूंदे बरस,किलक किलक।

मुक्तेश्वर सिंह मुकेश

Hindi Poem by Mukteshwar Prasad Singh : 111577846
Mukteshwar Prasad Singh 2 years ago

धन्यवाद।

Mukteshwar Prasad Singh 2 years ago

धन्यवाद।

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

लयबद्ध.. काव्य रचना

Jignasha Parmar 4 years ago

Vahhh..👏👌👌👌👌

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