# "शायरी" #
ये ईश्क क्या चीज है,
मैंने जानी है, इक आग सुलगती है, अंदर पानी है।
करू तो क्या करूं मैं शिकवा तेरे सामने,
इसमें ना जीती ना मरती जवानी है ।।

✍️"Bन्दास"
राकेश वी सोलंकी ।

-Rakesh Solanki

Hindi Shayri by Rakesh Solanki : 111574188

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now