तू शिकारी सा मे शिकार बनी,
बाते सारी तेरी घायल कर चली,
जो सोचा न था वो नजाने कब हो गया,
एक अन्जान सा मुसाफिर कुछ खास बन गया।

_Dhanni
#शिकार

Hindi Romance by Dhanvanti Jumani _ Dhanni : 111572997

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