यही तो है मिशाल इश्क़ की,
अब बहेतर तोहफ़ा क्या दे दिल से...!

सिलसिला ये बना रहेगा प्यार का,
यूँही दास्ताँ खड़ी नही होती शायरी से...!

Hindi Shayri by Bhavesh_Rajput : 111572983

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