दिन तो यूं ही गुज़र जाता है जाने क्या सोचते सोचते,
ये रातें ही तो हैं जो हमें इतना व्यस्त रखती हैं।
रोना भी रहता है ,सोना भी रहता है ,तेरे ख्यालों में खोना भी रहता है।
इतनी व्यस्तता में खुद ही खो जाती हूं कभी- कभी, फिर अपने आप को खोजना भी रहता है।
दिन तो यूं ही गुज़र जाता है,
ये रातें ही तो हैं जो हमें इतना व्यस्त रखती हैं।

- चंचल सिंह

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