ग़र खुशियों पे हकूमत हमारी होती तो
सड़क वालो से लेकर थोड़ी सी उधार खुशियां

पूरे कपड़े , अच्छा खाना और अच्छी छत वाले
कुछ भूखे , नंगे , बेचारो के नाम करते....

©yhnaam

Hindi Shayri by Dhruvin Mavani : 111570038

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