इतना तो यक़ीन है हमारी क़ाबिलियत पर हमें, वरना
यू ही हमें गिराने की हज़ारो लोग ने अपनी औक़ात नही दिखाई होती...

हर किसीकी अनिर्धारित बातो के दोषी हम ना बनेंगे,
गर उन्हें मुँह पे जवाब देते तो आज हमारे पैरों की धूल ही खाई होती...

- परमार रोहिणी " राही "

#अनिर्धारित

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111569732

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