यू समंदर भी गहरा और खुला आसमान
हैं समंदर भी नीला , और नीला आसमान

ना आसमान को सीमा, ना समंदर का अंत है
सल्तनत अलग चाहे , रित फिर भी एक हैं

समंदर भी भटकों को देता मकाम हैं
ना आसमा ने रोकी किसी की उड़ान हैं

कहते है की दोनों भी ना एक हो सके है
इक और से जो देखो तो दोनों एकसमान है

#एकसमान

Hindi Poem by Smile : 111569464

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