जब अपना वजूद फिजूल लगने लग जाता है,
तब जाकर खुद को मिटाने का ख़्याल आता है..
पर जाने कितनी बार दिल हारा होगा,
जाने कितनी बार हिम्मत टूटी होगी,
खुद के अंदर यूँ दम तोड़ती ज़िन्दगी को,
जाने कितनी बार सम्भाला भी होगा.
पर जब थक जाते हैं तन्हा रातों को सुलाते सुलाते,
यूँही दिल को रुलाते रुलाते,
जब थक जाते हैं किसी अपने को बुलाते बुलाते..
तब मुश्किल लगता है हर वक़्त का यूँ पल पल में गुजरना..
तब आसान सा लगता है यूँ ज़िन्दगी को आसान करना..
तब आसान लगता है खुद को यूं बेनिशाँ करना..
तब आसान लगता है एक चैन की नींद सो जाना..
नहीं ये मृत्यु किसी एक ज़िन्दगी की नही होती..
ये मृत्यु है उस विस्वास की, ये मृत्यु है उस उम्मीद की,
ये मृत्यु है प्रेम की, झुठे अपनेपन की,
दिखावे के रिश्तों की,
जो देख ना पाए उन बैचैन नजरों को,
जो सुन ना पाए उन बिलखती खामोशियों को..
जो दिल बार बार चीख रहा था,
जिसे तुम समझ ही ना पाए
#आत्महत्या ...
#विश्वास

Hindi Poem by Sarita Sharma : 111567686

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