किसीं भी खेद मैं बहक जाने से पुरा दिन, जिंदगी बरबाद हो सकती है।
अगर किसीं बात का खेद मन को अस्वथ कर रहा हैं तो उस खेद को दिन का कुछ समय देकर उस समय मै कोई दुसरें बिचार न करके सिर्फ खेद मैं उलझ जाओ। बाकी दिनभर का समय अच्छी तरह बिताओ। धीरे धीरे आप बाहर आओगें। यही खेद से बाहर आने का सही रास्ता है।
मंजुषा देशपांडे, पुणे।
#खेद