#विश्वसनीय

एक शादीशुदा लड़की, जिसका पति शादी के कुछ समय बाद ही काम के लिए शहर चला जाता है, और वह अपने पति से बहुत प्यार करती है, तो वह क्या सोचती है.........।


तुम्हें पता है? भले ही अभी तुम पास नहीं हो मेरे,
मगर मैं रोज बहुत कुछ करती हूं इंतजार में तेरे,
जिंदगी में और कोई नहीं है मेरा तुम्हारे अलावा,
खुद को वारती हूं, क्योंकि तुम विश्वनीय हो मेरे।।

मैं रोज सबेरे उठती थी इसी उम्मीद के साथ,
कि आज का दिन होगा हमारे लिए फिर से खास, भले ही तुम काम कि वजह से मुझसे दूर गए थे,
लेकिन एक दिन सब ठीक होगा, मन में था विश्वास।।

तुम्हारे उठने से पहले ही मेरा तुम्हें चाय बनाना,
और चाय पीकर खुशी से तुम्हारा मुझे गले लगाना, आज मै भले ही चाय अकेले पी लेती हूं, मगर,
यकीं था कि तुम्हें भी याद आता होगा ये अफसाना।।

आज भी मै तुम्हारे लिए ही रोज तैयार होती हूं,
मगर तुम सामने नहीं हो इसलिए थोड़ा रोती भी हूं,
तुम्हारे यहां न होने से मेरा दिल बहुत अकेला है,
फिर भी मैं दिल को दिलासा देकर समझा देती हूं।।

घर में आज भी तुम्हारे मन का खाना बनाती हूं,
जैसे तुम्हें खिला रही हूं, वैसे थाली में सजाती हूं,
मुझे पता है, तुम इस वक्त पास नहीं हो, लेकिन,
यकीं करो! मैं,तुम्हारे करीब का अहसास पाती हूं।।

ऐसी कोई रात नहीं जब मुझे तुम्हारी आश न हो,
दुआ यही थी कि तुम्हारा भी कोई और खास न हो, खुद से भी ज्यादा भरोसा किया है मैनें तुम पर,
यदि तुम नहीं हो मेरे तो मुझमें मेरी श्वास ही न हो।।

***

Hindi Romance by Akshay jain : 111562539
Someone 4 years ago

Its too nice , keep it up

Akshay jain 4 years ago

धन्यवाद

Rama Sharma Manavi 4 years ago

अत्यंत सुंदर

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