जब सोच लिया कुछ पाने का,
सीमायों को पार कर जाने का,
फिर हालात का क्या उल्लेख करे,
बुद्धि पर क्यों आक्षेप करें,
अब बस विचार एकत्र करें,
मन पर काबू पा, परस्पर प्रयत्न करें,
मंजिल खुद ही मिल जायेगी,
न असफलता फिर उपहास उडायेगी ।

Hindi Poem by Nancy Sharma : 111561962

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