अब बिछड़ने की वजह भी याद नहि,
और ना मालूम,
कोन पहेले रूठा था तब ,
यादों में धुंधला सा है सब ;
पर केसे हुआ था इश्क़ तुमसे
वो बेशक यूँ याद है ,
जेसे हुआ हो इश्क़ तुमसे ,
कम्बख़्त
बस कल !
“दिव्यता”

Hindi Shayri by Divya Soni : 111549586

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