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क्यों लिखा नसीब ने
हैं इक हमारा रास्ता
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इक ही पल में लग रहा
क्यो सदियोंसे है वास्ता
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कहके भी है अनकही
अजीब सी ये दास्तां
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उलझनें हज़ार है
अजीब सी ये दास्तां
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# दास्तान
#कथा

Hindi Poem by Smile : 111549073

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