जो होता शरीरसेही लगाव तो ,मुमताज की कब्र पे शाजहा ताजमहल न बनवाता। ।
और न होती महोबत खुब सुरत तो आज ये ताज महल महोबत की खुबसुरत भेट न होता।।

-Raajhemant

Hindi Shayri by Hemant Pandya : 111536557

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