#मेरे पास लौट आओ, कहीं रुत बदल ना जाये,
तुम्हें देखने से पहले मेरा दम निकल ना जाये।।
#मेरे बेखब़र मुसाफिर, तेरी राह तकते-तकते,
कहीं चाँद बुझ ना जाये, कहीं रात ढल ना जाये।।
#तू दिया बुझा रहा है, मुझे फिक्र ये लगी है,
मेरे दिये की लौ से तेरा हाथ जल ना जाये। Pagal....

Hindi Shayri by Manoj Leuva : 111536028

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