"कर्म तो करे, लेकिन 'उचित कर्मा' क्या है?" ये प्रश्न मनमें उठता है... "क्या कर्म को रोक दे?"
"जी हां...!"
१. "जो कर्मसे अन्यको पीड़ा हो, वो कर्मको रोक दो।
२. बाकी बचे हुए कार्योमेंसे जिसमें खुशी और संतुष्टि न दिखे उसेभी रोक दो..।
३. आखिरमें, करने के लिए कोई कर्म ही न बचे तो दूसरोंकी खुशिओं को राज खोजो।
#कर्मा