वतन के नाम जिन्दगी कर देना हमारी हसरत थी,
क्या हुआ जो छुप छुप के वार करना दुश्मन की फितरत थी।
हमारी वतन से मोहब्बत, यही हमारी हकीकत थी,
मेरी देशवासियों की दुश्मनों से रक्षा मेरी जरूरत थी।

मेरी पहचान मेरी मा समान मातृभूमि की हिफाजत थी,
हमारे दिलोमे बुलंद हौसले और साथमे देशकी हुकूमत थी।

जब भी दुश्मनों के बम गिरते, लोगो के लिए क़यामत थी,
हम तैयार थे सदा तिरंगे के लिए, वहीं तो हमारी चाहत थी।

#भारत
#जवान

Hindi Blog by તેજસ : 111531005

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