की बारिशें बयान करती हैं दर्द किस हद तक बढ़ा है आसमान का,
जिक्र किया था, जिक्र करता हूँ, जिक्र करूँगा, मैं सिर्फ तेरे नाम का,@pk

Hindi Shayri by प्रवीण बसोतिया : 111530359

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