पूरे शहर भरमें उनकी पूछताछ हम करते रहे
की उनकी आंखोसे आँसु क्युँ युँ बरसते रहे?
उसके जीवनकी दाँस्तान सुनते रहे जमानेसे
दुनिया वाले अपनी उंगली हमपे उठाते रहे!

#पूछताछ

Hindi Shayri by Ketan Vyas : 111528658

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