ठीक-हो-जाओ ...

काश कि मेरे पास
होता एक जादुई चिराग़

जिसे छू कर घिसकर
यह कहते ही 'ठीक-हो-जाओ'
तो वह उसे पहले सा
दुरुस्त कर देता
ठीक कर देता

तब मैं
वह चिराग़ लिए
छू देता, घिस देता सभी कुछ
जो बिगड़ गया है

छू देता वह चिराग़
घिस देता उसे मैं
उन सभी दिलों पर
जो टूटे हुए बिखरे पड़े हैं
और बोल देता - 'ठीक-हो-जाओ'
और तब वो टूटे दिल
जुड़ जाते फिर से
ठीक हो जाते फिर से
और भर आशा और प्यार
के तरानों से
सभी रिश्ते -
ठीक हो जाते
मुकम्मल हो जाते

:- भुवन पांडे

#ठीक -हो-जाओ

Hindi Poem by Bhuwan Pande : 111521787
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

क्या बात है पांडेजी आपने तो शब्दों में जादूगरी ड़ाल दि..वाह.. बहुत खूब..

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