मुझे तन्हा मत समजना।
कोई हर पल साथ है मेरे।

मेरी यादों में, बातों में, सांसों में, सपनों में, ख्वाबों में।

खामोशी में भी उसकी आवाज़ आती है।
उसने थामा था हाथ, वो उंगलियां गुनगुनाती है।

कभी बाइक पर पीछे बैठ के उसने जो कंधे पर लिखे थे, वो लफ्ज़ आज भी मुस्कुराते है।
उसके सपने आज भी मेरी निंदें चुराते है।
कभी आज भी बाइक पर बेठू तो एक नज़र पीछे चली जाती है।
उसने थामा था हाथ वो उंगलियां आज भी गुनगुनाती है।
हुकमसिंह जडेजा

Hindi Blog by Hukamsinh Jadeja : 111520821

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