तुम,
तुम्हारा साथ,
तुम्हारा हाथ,
तुम्हारी बात।
तुम,
तुम्हारी आंखें,
तुम्हारी दृष्टि,
तुम्हारे स्वप्न।
तुम,
तुम्हारे अधर,
तुम्हारी मुस्कान,
तुम्हारी बाँसुरी।
तुम,
तुम्हारा स्नेह,
तुम्हारा ताप,
तुम्हारी शीतलता।
तुम,
तुम्हारे स्वर,
तुम्हारे गीत,
तुम्हारा संगीत।
तुम,
तुम्हारा रूठना,
तुम्हारी अकुलाहट,
तुम्हारा मानना।
तुम,
तुम में डूबना,
तुम में तैरना,
तुम में घुल जाना।
यही तो जीवन है #कृष्ण ।।