उसकी वह मुराद पूरी होने वाली थी जिसकी उसने कभी कल्पना भी न कि थी। परन्तु उस मुराद के साथ यह कैसी चुभन ?

ज्योत्सना कपिल लिखित कहानी "उर्वशी - 3" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Hindi Story by Jyotsana Kapil : 111509579

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