Prem_222:
अब के #सजन #सावन में, आग लगेली बदन में
घटा बरसेगी, मगर तरसेगी नज़र,
मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के #सजन #सावन में...
दो दिलों के बीच खड़ी कितनी दीवारें
कैसे सुनूँगी मैं पिया प्रेम की पुकारें
चोरी चुपके से तुम लाख करो जतन,
सजन मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के #सजन #सावन में....
इतने बड़े घर में नहीं एक भी झरोंका
किस तरह हम देंगे भला दुनिया को धोका
रात भर जगाएगी ये मस्त मस्त पवन,
सजन मिल न सकेंगे दो मन एक ही आँगन में
अब के #सजन #सावन …
#unknown