**कविता **
# विषय .संगति **
प्यार की उम्मीद में ,जीता आदमी ।
प्यार पाकर पल में ,खिल उठेगा ।।
प्यार में दिल ,लुटाता आदमी ।
नफरत से जी ,नहीं पायेगा ।।
अपनों के लिए ,जीता आदमी ।
बिछड़ने का दर्द ,सह न पायेगा ।।
दर्द में धुंटता ,रहा आदमी ।
सहानुभूति से ,महक उठेगा ।।
वक्त की मार से ,आंसू बहाता आदमी ।
रोजगार पाकर ,खुश हो उठेगा ।।
अपना जीवन ,व्यर्थ समझता आदमी ।
प्रभु चरण पाकर ,जीवन संवार लेगा ।।
पापाचार करता ,रहा आदमी ।
अच्छी संगति पाकर ,सुधर जायेगा ।।
दानवता में ,जीवन बर्बाद करता आदमी ।
मानवता पाकर ,सज्जन बन जायेगा ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।

Hindi Poem by Brijmohan Rana : 111500605
Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी डी .जी .जी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियाजी रवीनाजी धन्यवाद बहनाजी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी एच .एस .ए .जी धन्यवाद जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

लाईक करने वाले सभी मित्रों और बहनों को तहेदिल से धन्यवाद जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

Brijmohan Rana 4 years ago

आदरणियजी धन्यवाद मित्रश्रेष्ठ जी ।

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

बेहतरीन एवम शानदार सृजन...

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